
जय जय जय गणपति महाराज
मंगल करण शुभ करण दीन दयाल
जय जय जय गणपति महाराज
एक दंत दयावंत चार भुजाधारी
माथे सिंदूर सोहे मूषक वाहन सवारी
जय जय जय गणपति महाराज
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुओं का भोग लगे संत करें सेवा
जय जय जय गणपति महाराज
अंधन को आंख देत कोढ़िन को काया
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया
जय जय जय गणपति महाराज
हार चढ़े श्रृंगार चढ़े और चढ़े धूप
देवन सेवा करें हम चरणन की झूप
जय जय जय गणपति महाराज
दीनन की लाज रखो शंभु सुतवारी
कामना को पूर्ण करो जय जय बलिहारी
जय जय जय गणपति महाराज